जीवन एक भूल‑भुलैया है। मन हर क्षण नए विचारों, इच्छाओं और भ्रमों में भटकता है।
जैसे इंस्टाग्राम रील्स में अनंत स्क्रॉल—हर स्वाइप पर नया ड्रामा, नया FOMO
लेकिन एक साधारण “Switch” है—जागृति का Switch।
जैसे ही यह चालू होता है, अज्ञान और नकारात्मकता का पर्दा हट जाता है, और आत्मा अपनी मूल ज्योति में चमकने लगती है।
सफल जीवन की बुनियाद
सफलता केवल बाहरी उपलब्धियों से नहीं, बल्कि भीतर की स्थिरता से आती है। इसके तीन आधार हैं:
- सकारात्मक विचार – कृतज्ञता और संतोष से मन को पोषण दो।
- शुद्ध संकल्प – लक्ष्य वही हों जो आत्मा और समाज दोनों के लिए हितकारी हों।
- मधुर व्यवहार – करुणा और सहानुभूति से संबंधों को मजबूत करो।
यह फाउंडेशन स्मार्टफोन बैटरी जैसा है—मजबूत रहेगा तो पूरा दिन चलेगा।
भक्ति और धारणा
जिसके मन में जैसा प्रेम और भाव होता है, भगवान उसे वैसा ही अनुभव कराते हैं।
भक्ति का अर्थ है अपने हृदय को प्रेम और श्रद्धा से भरना। जब हम बार‑बार सकारात्मक भावनाएँ दोहराते हैं, वे हमारी वास्तविकता बन जाती हैं। यही affirmations का आध्यात्मिक रूप है।
मन का चश्मा
दुनिया वैसी ही दिखती है जैसी दृष्टि हम अपनाते हैं।
शिकायत का चश्मा पहनोगे तो सब faded लगेगा।
स्वीकार और संतोष का चश्मा पहनोगे तो हर जगह रंग और प्रकाश दिखेगा।
मन का filter बदलो—नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर।
भूल‑भुलैया और मन के घोड़े
मन को उपनिषदों ने अश्वों से तुलना की है। यदि लगाम न हो तो ये घोड़े साधक को भटका देते हैं।
भूल-भुलैया means “PUBG मैच” जैसा : मन के जंगली घोड़े (विचार) अगर लगाम से नियंत्रित न हों, तो फेलियर लगता है।
ध्यान ही वह लगाम है जो विचारों को नियंत्रित करता है।
आज की भाषा में कहें तो यह जीवन की भूल‑भुलैया में सही मार्गदर्शन है।
सब्र और समय
इंस्टेंट फेम के जमाने में सब्र सीखो—हर क्रिएटर का ब्रेकथ्रू टाइम आता है।
धैर्य ही साधना का मूल है।
जल्दी में किया गया प्रयास थकान और निराशा लाता है।
सब्र से किया गया प्रयास धीरे‑धीरे फल देता है—जैसे बीज समय लेकर वृक्ष बनता है।
ध्यान और श्वास
श्वास ही जीवन का सेतु है।
जब हम श्वास पर ध्यान केंद्रित करते हैं, मन की गति धीमी हो जाती है।
एकाग्रता आती है, और भीतर शांति का अनुभव होता है।
यह साधना हमें आत्मा के निकट ले जाती है।
निष्कर्ष: Switch On करो!
जागृति का Switch On करो—सकारात्मक विचार, शुद्ध संकल्प और मधुर व्यवहार से जीवन की नींव मजबूत करो।
भक्ति को भावनाओं में उतारो, acceptance को दृष्टि में लाओ, सब्र को साधना में रखो, और श्वास को anchor बनाओ।
तब जीवन की भूल‑भुलैया सुलझ जाएगी, और आत्मा अपनी ज्योति में प्रकाशित होगी।
Negativity Gone, जागृति On!
“आपके जीवन में वह कौन‑सा क्षण था जब आपने महसूस किया कि ‘जागृति का Switch’ सचमुच On हो गया—और नकारात्मकता का पर्दा हट गया?”
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